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कस्तूरीपङ्कभास्वद्गलचलदमलस्थूलमुक्तावलीका
श्री-चक्रं शरणं व्रजामि सततं सर्वेष्ट-सिद्धि-प्रदम् ॥९॥
The reverence for Goddess Tripura Sundari is evident in just how her mythology intertwines Using the spiritual and social material, giving profound insights into the character of existence and the path to enlightenment.
दक्षाभिर्वशिनी-मुखाभिरभितो वाग्-देवताभिर्युताम् ।
श्री-चक्रं शरणं व्रजामि सततं सर्वेष्ट-सिद्धि-प्रदम् ॥८॥
श्री-चक्रं शरणं व्रजामि सततं सर्वेष्ट-सिद्धि-प्रदम् ॥२॥
षोडशी महाविद्या प्रत्येक प्रकार की मनोकामनाओं को पूर्ण करने में समर्थ हैं। मुख्यतः सुंदरता तथा यौवन से घनिष्ठ सम्बन्ध होने के परिणामस्वरूप मोहित कार्य और यौवन स्थाई रखने हेतु इनकी साधना अति उत्तम मानी जाती हैं। त्रिपुर सुंदरी महाविद्या संपत्ति, समृद्धि दात्री, “श्री शक्ति” के नाम से भी जानी जाती है। इन्हीं देवी की आराधना कर कमला नाम से विख्यात दसवीं महाविद्या धन, सुख तथा समृद्धि की देवी महालक्ष्मी है। षोडशी देवी का घनिष्ठ सम्बन्ध अलौकिक शक्तियों से हैं जोकि समस्त प्रकार की दिव्य, अलौकिक तंत्र तथा मंत्र शक्तियों की देवी अधिष्ठात्री मानी जाती हैं। तंत्रो में उल्लेखित मारण, मोहन, वशीकरण, उच्चाटन, स्तम्भन इत्यादि जादुई शक्ति षोडशी देवी की कृपा के बिना पूर्ण here नहीं होती हैं।- षोडशी महाविद्या
॥ अथ श्री त्रिपुरसुन्दरीवेदसारस्तवः ॥
The legend of Goddess Tripura Sundari, generally known as Lalita, is marked by her epic battles versus forces of evil, epitomizing the eternal wrestle concerning fantastic and evil. Her tales are not simply tales of conquest but in addition have deep philosophical and mythological importance.
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चक्रे बाह्य-दशारके विलसितं देव्या पूर-श्र्याख्यया
यस्याः शक्तिप्ररोहादविरलममृतं विन्दते योगिवृन्दं
Celebrations like Lalita Jayanti highlight her importance, in which rituals and offerings are created in her honor. The goddess's grace is considered to cleanse past sins and direct one in the direction of the final word objective of Moksha.
श्री-चक्रं शरणं व्रजामि सततं सर्वेष्ट-सिद्धि-प्रदम् ॥१०॥